Monday, February 4, 2013

gazal



  1. रोशनी के पास सिर्फ रोशनी नहीं होती
    गर्मी, राह, जागरण, ध्वनि की कमी नहीं होती ।
    प्यार भरे लफ़्जों से बड़ी कोई चीज मरहमी नहीं होती
    संवेदना से बढ़कर कोई संजीवनी नहीं होती।
    जडं़े और पंख दोनांे जरूरी हैं आदमी के लिए
    जो आकाश समेटे बैठे ह,ैं पावों तले जमीं नहीं होती।
    पत्थर और आदमी में फर्क तो महज इतना है
    पत्थर के आँखांे व सीनों मंे नमी नहीं होती ।
    सिर्फ आनन्द ही जिन्दगी का मकसद नही है
    बगल का दुख देखकर किसके सीने में गमी नहीं होती।
    जो सबसे करता हे निश्छल, बेशर्त, आदतन प्यार
    सृष्टि दर्पण है, उसकी तरफ कोई कमान तनी नहीं होती ।
    सबसे जुड़ाव जो करता है महसूस, रखता है ध्यान
    जीवन में उसे किसी चीज की कमी नहीं होती।
    यदि मन, विचार, कर्म व शब्द में एकरूपता हो
    ते फिर संवादों में गलतफहमीं नहीं होती।
    सभी तो यहाँ रहबरी का चोंगा पहने हैं
    फिर क्यों कोई नहीं कहता कि यहाँ रहजनी नहीं होती।
    सारी आत्मायें धरती से ही उपजी हैं
    कोई भी आत्मा यहाँ आसमानी नहीं होती।
    कौन कहता है सुख में नहीं होता है दुख
    और दुख में सुख सनी नहीं होती ।
    धरती पर इतने तरह के जीव जंतु हैं
    आदमी को छोड़कर किसी की आमदनी नहीं होती।
    हर कोई इतना अच्छा और दैवीय लगता है
    अब तो सपने में भी किसी से दुश्मनी नहीं होती ।

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